मंगलवार, 2 जून 2020

विवादित एप "मित्रों" गूगल प्ले स्टोर से हटा दी गई, जानिए क्यों

प्रस्तुतकर्ता Jitendra Indave
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टिकटोक एप के प्रतिद्वंदी के रूप में उभर कर आनेवाली मित्रों अब गूगल प्ले स्टोर से हटा दी गई है। सम्पूर्ण भारत में चीन के खिलाफ जो गुस्सा भरा है वो चरम पर है , पी एम् मोदी के स्वदेशी की घोषणा ने इसे और हवा दी। नतीजा , सामने है हर कोई चाइनीस वस्तु ओ का विरोध कर रहा है। बॉलीवुड हस्तीओ ने तो अपने मोबाईल से एप तक डिलीट करना शुरू कर दिया है । लोग टिक टोक पर जमके बरसे थे , प्ले स्टोर पर जा कर ज्यादा तर लोगो ने एक की रेटिंग कर दी थी और साथ ही “मित्रो ” जैसी भारतीय एप को अपनाने की अपील भी की गई । इसका मित्रो एप को काफी फायदा भी हुआ। महीने भर के अंदर 50 लाख से ज्यादा बार डाऊनलोड किया गया। 

एप लोकप्रियता के शिखर चढ़ ही रही थी की यह एप भारतीय नहीं पाकिस्तानी होने की बात वायरल हुई। अटकले तेज हुई। तब जानकारी सामने आई की यह पाकिस्तानी डेवलपर इरफ़ान शेख ने अपनी कंपनी QBuxus के लिए डिजाइन किया था, बाद में उसे आई आई टी के स्टूडेंट को मात्र 2500 में सोर्स कोड के साथ बेचा गया। जिनके दिमाग में टिकटोक का नशा चढ़ा था उनके लिए यह एप मानो भारतीय टिक टोक का वर्जन था उनको विकल्प मिल चूका था।

इस विषय में इरफान शेख का कहना था की कोड  बेचने के बाद उसके साथ जो करना है वह कर सकते हैं लेकिन उसे भारतीय कहना सही नहीं होगा। हालांकि बहस अब भी जारी है जो वास्तव में यह पाकिस्तानी है या फिर भारतीय। 

अभी जो खबर निकल कर आ रही है उसके मुताबिक गूगल प्ले स्टोर से इसको हटा दिया गया है। गूगल ने अपने पॉलिसी का हवाला देते हुए कहा है कि वह ऐसी किसी भी एप को स्वीकृति नहीं दे सकते जो पहले से ही मौजूद ऐप का डुप्लीकेट वर्जन हो और उसमें कोई भी यूनिकनेस ना हो । अब सवाल यह भी आता है कि यह काफी समय से गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद था तब उसे हटाया नहीं गया लेकिन अब क्यों? जवाब तो सिर्फ गूगल ही दे सकता है। समाचार पोर्टल आज तक ने मित्रों ऐप की डेवलपर से बात करने की कोशिश की तो उन्हें जवाब मिला कि वे अपनी आइडेंटिटी बताना नहीं चाहते वह ऐसे ही काम करना चाहते है। लेकिन बाद में समय आने पर वह अपनी जानकारी पब्लिक करेंगे।

गूगल का इस ऐप को स्पैम और मिनिमम फंक्शनैलिटी पॉलिसी के वॉयलेशन का हवाला देकर लंबे समय बाद निकालना कितना सही है या गलत यह विचार करने लायक है। अगर निकालना ही था तो अभी क्यों पहले क्यों नहीं? 
चूँकि यह एप अब प्ले स्टोर में नहीं है , इसलिए इसे विश्वसनीय एप नहीं कह सकते । गूगल चाहता है की आपका फोन वायरस और एरर फ्री रखना हो तो कोई भी एप जो प्ले स्टोर पर नहीं है उसे इनस्टॉल ना करे। यदि आपके फोन में यह है तो उसे निकाल दे।

वैसे सुनने में तो यह भी आ रहा था कि इस ऐप के अंदर काफी सारे बग्स थे जिस पर काम किया जा सकता था। उसमें डेटा लिक का रिस्क फेक्टर पहले से ही था। अब देखते है कौनसी एप मार्किट में टिक टोक के विकल्प के तौर पर उभर कर आती है।


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